कैंपस से केआईएफएफ तक: एसआरएफटीआई की ‘कुहासे के गीत’ ने जीता स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड!
कैंपस से केआईएफएफ तक: एसआरएफटीआई की ‘कुहासे के गीत’ ने जीता स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड!
सत्यजित राय फ़िल्म एवं टेलीविज़न संस्थान (एसआरएफटीआई) यह घोषणा करते हुए अत्यंत हर्षित है कि इसकी लघु फ़िल्म “कुहासे के गीत (सॉन्ग्स ऑफ़ द मिस्ट)” को कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव (केआईएफएफ) 2025 में भारतीय लघु फ़िल्म श्रेणी में स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान एसआरएफटीआई की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो यह दर्शाता है कि संस्थान विश्व-स्तरीय सिनेमाई प्रशिक्षण प्रदान करता है और अपने छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम बनाता है।
यह पुरस्कार एक प्रतिभाशाली टीम की सामूहिक उत्कृष्टता का उत्सव है—
लेखक-निर्देशक रवि कुमार, सिनेमैटोग्राफ़र निशांत वेंकटारावनप्पा, संपादक मधन कमाराज, साउंड डिज़ाइनर रुषिकेश चरजन, और निर्माता उमंग रतिलाल संगानी। उनके समर्पण ने एक कैंपस प्रोजेक्ट को ऐसी फ़िल्म में बदल दिया जिसने निर्णायकों और दर्शकों दोनों को प्रभावित किया। यह दर्शाता है कि किस प्रकार मार्गदर्शन, रचनात्मकता और तकनीकी कौशल मिलकर प्रभावशाली सिनेमा का निर्माण कर सकते हैं।
यह पुरस्कार हमारे छात्रों की मेहनत और हमारे संकाय के मार्गदर्शन का प्रमाण है। हमें गर्व है कि ‘कुहासे के गीत’ जैसे प्रतिष्ठित मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा है। यह उपलब्धि न केवल एसआरएफटीआई की फ़िल्म शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करती है बल्कि संस्थान को भविष्य के कहानीकारों के लिए एक लॉन्चपैड के रूप में स्थापित करती है।
पूरी टीम को हार्दिक बधाई—आपकी उपलब्धि आने वाली पीढ़ी के फ़िल्मकारों को प्रेरित करती है।











