Synopsis
एक प्रचारात्मक नाटककार को नाटक की अंतिम रिहर्सल के दौरान अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिससे अभिनेताओं के असली जीवन और उनके किरदारों के बीच का गहरा अंतर सामने आता है। रिहर्सल तब रुक जाती है जब मुख्य अभिनेता धर्म परिवर्तन के डर से एक संवाद बोलने से इनकार कर देता है।