गà¥à¤°à¤¾à¤‚टि |
परियोजना का शीरà¥à¤·à¤• |
सार |
छूटई बनरà¥à¤œà¥€ |
रीनाइफिनिंग सीनेफ़िलिया: à¤à¤• डिजिटल à¤à¤œ और नेउलबरà¥à¤—ल मिलियू में वैकलà¥à¤ªà¤¿à¤• फिलà¥à¤® कलेकà¥à¤Ÿà¥€à¤µ और सà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤‚ग पà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ |
मेरे निबंध में, मैं फिलà¥à¤® समूह की à¤à¤• नई शैली के उà¤à¤°à¤¨à¥‡ और विकास का विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£, विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ और विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ करता हूं, जो कि जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वितà¥à¤¤ पोषित फिलà¥à¤® समारोहों और (अधिकतर) दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œà¥€ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की सà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤‚ग आयोजित करता है; और जिनके पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ को वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• फिलà¥à¤® वितरण नेटवरà¥à¤• से बाहर à¤à¥‡à¤²à¤¨à¤¾ पड़ता है, और à¤à¤• राजà¥à¤¯-विनियमित संसà¥à¤¥à¤¾à¤—त रूपरेखा के à¤à¥€à¤¤à¤° काम करने वाली परंपरागत फिलà¥à¤® समाज। नई सहसà¥à¤°à¤¾à¤¬à¥à¤¦à¥€ के पहले दशक में कई असमान सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° और अनियमित फ़िलà¥à¤® समूह की जैविक वृदà¥à¤§à¤¿ देखी गई- बैंगलोर के पैदलारी पिकà¥à¤šà¤°à¥à¤¸ से, मà¥à¤‚बई में विकलप (जो बाद में दिलà¥à¤²à¥€ और बेंगलà¥à¤°à¥ में फैल गया), तà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥‚र के विबिगोर को, सिनेमा का गोरखपà¥à¤° और उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के अनà¥à¤¯ छोटे शहरों में विरोध फिलà¥à¤® समारोह à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ उमà¥à¤° में जहां डिजिटल फिलà¥à¤® परिसंचरण ने फिलà¥à¤® समाज के पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ संसà¥à¤•à¤°à¤£à¥‹à¤‚ के तरà¥à¤• को काफी डटकर किया है, फिलà¥à¤® समूह के नठसंसà¥à¤•à¤°à¤£ ने फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ को नठदरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ की à¤à¤• विविध शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला में ले लिया है। इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में मेरी दिलचसà¥à¤ªà¥€ इस तरह के à¤à¤• सामूहिक साथ मेरी खà¥à¤¦ की à¤à¤¾à¤—ीदारी से बढ़ी है। कोलकाता में पीपà¥à¤²à¥à¤¸ फिलà¥à¤® कलेकà¥à¤Ÿà¤¿à¤µ के सह-संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• के रूप में, मैं चार साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ कोलकाता पीपà¥à¤²à¥à¤¸ फिलà¥à¤® फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² के परिचालन और संगठन की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ का हिसà¥à¤¸à¤¾ रहा हूं। इस कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ में, मैं कोलकाता के बाहर और बाहर कई फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ शामिल हूं।फिलà¥à¤® à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ के रूप में यह अनà¥à¤à¤µ, ने संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का कà¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¿à¤œ खोल दिया है, जो कि फिलà¥à¤® सà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤‚ग की वैकलà¥à¤ªà¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त रूप में, इस तरह की गैर-पारंपरिक सà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤‚ग पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤‚ पूरी तरह उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ नहीं हैं इसकी सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ से, सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° गैर-फ़िलà¥à¤® फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ को फिलà¥à¤® परिसंचरण के वैकलà¥à¤ªà¤¿à¤• तरीकों पर à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ करना पड़ता था, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि फिलà¥à¤® वितरण के पारंपरिक तरीके जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° मामलों में सीमा से बाहर थे। वासà¥à¤¤à¤µ में, आनंद पटवरà¥à¤§à¤¨ की पहली फिलà¥à¤® वेवà¥à¤¸ ऑफ रिवोलà¥à¤¯à¥‚शन, जो कि सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पहली सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° वृतà¥à¤¤à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤° फिलà¥à¤® को चिहà¥à¤¨à¤¿à¤¤ करती है, को à¤à¤¾à¤°à¤¤ के बाहर तसà¥à¤•à¤°à¥€, निरà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨ में इकटà¥à¤ ा किया जाता था, और गैर-पारंपरिक सà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤‚ग रिकà¥à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में विदेशों में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रूप से पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ किया जाता था। कई गैर-फिकà¥à¤¶à¤¨ फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾à¤“ं ने अपनी फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ को सीधे मधà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥à¥‹à¤‚ के बिना दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ तक ले लिया है – लेकिन अकà¥à¤¸à¤° जमीन के सà¥à¤¤à¤° के कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं के साथ सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ सहयोग – फिलà¥à¤® वितरण के जरिठबाजार-चालित या राजà¥à¤¯ सहायता पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ मोड को छोड़कर। मैं यह तरà¥à¤• देना चाहूंगा कि, फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾à¤“ं और इन सामूहिक पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के पहले पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ अंतर है। बाद में, सà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤‚ग फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ का बहà¥à¤¤ ही काम लोकोकà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥€à¤œà¤¼ हो गया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इन सामूहिकों में फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾à¤“ं, फिलà¥à¤® कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं और साà¤à¤¾ मंचों में दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ को à¤à¤• साथ आने के लिठशामिल किया गया था जहां दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· हिसà¥à¤¸à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है और सà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤‚ग सà¥à¤ªà¥‡à¤¸ का साà¤à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ है।इससे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ रिसेपà¥à¤¶à¤¨ की नई संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ और सहà¤à¤¾à¤—िता वाली सिनेफिलà¥à¤²à¤¿à¤† के à¤à¤• वैकलà¥à¤ªà¤¿à¤• रूप को खà¥à¤²à¤¤à¤¾ है, जिसे पहले नहीं खोजा गया था।मेरे निबंध में, मैं पूछूंगा कि कà¥à¤¯à¤¾ पहले (पारंपरिक) फिलà¥à¤® समाज के साथ फिलà¥à¤® समूह की नई शैली के बीच निरंतरता है, और यह कैसे जारी रहेगा पà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤¸à¤¿à¤¸ में काम किया हो सकता है? या कà¥à¤¯à¤¾ यह वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• जारी रखने की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में विरासत का सवाल है? दूसरे, इन सामगà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤• सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त कà¥à¤¯à¤¾ रहा है? तीसरा, नव उदारवाद के अनार में उनके उदय और मामूली वृदà¥à¤§à¤¿ के पीछे कà¥à¤¯à¤¾ कारक हैं?अंत में, मà¥à¤à¥‡ पता होगा कि यह कैसे और कैसे सीनेफ़िलिया की अवधारणा को फिर से परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ करता है। |
इंदà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ दास शरà¥à¤®à¤¾ |
गंगà¥à¤°à¥ कहता है- कथक का रूपांतर, यह पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾, इमà¥à¤ªà¥à¤°à¥‹à¤µà¤¿à¤œà¥‡à¤¶à¤¨ और वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¥€à¤•à¤°à¤£ बॉलीवà¥à¤¡ में है |
बॉलीवà¥à¤¡ समगà¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का आतà¥à¤®-पà¥à¤°à¤¶à¤‚सित पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ हैचूंकि इसकी शà¥à¤°à¥‚आत है, बॉलीवà¥à¤¡ ने कई à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ लोक और शà¥à¤¦à¥à¤§-शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ कला रूपों का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया है। गाने और नृतà¥à¤¯ हर मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ बॉलीवà¥à¤¡ फिलà¥à¤® का à¤à¤• अनूठा हिसà¥à¤¸à¤¾ हैं। à¤à¤• à¤à¤•à¤² गीत के बिना à¤à¤• बॉलीवà¥à¤¡ फिलà¥à¤® को सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ औसत फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ समांतर / कला फिलà¥à¤® के रूप में माना जाता है। जैसा कि हम जानते हैं, सिनेमा à¤à¤• कहानी कहने वाला माधà¥à¤¯à¤® है। इसी तरह, शबà¥à¤¦ कथक शबà¥à¤¦ कथा से वà¥à¤¯à¥à¤¤à¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ है – कहानी कहने की कला। कथ को कहने वाला वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ कथक है पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल में, महाकावà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और पौराणिक कथाओं के बारे में लोगों को कहानी कहानियों के नाम से कथकों को बताया गया, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी कहानियों को बताने के लिठकथन, संगीत और नृतà¥à¤¯ का सहारा लिया।अब, कथक नृतà¥à¤¯ के à¤à¤• सà¥à¤•à¥‚ल और साथ ही नरà¥à¤¤à¤•à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का à¤à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ है। यह शबà¥à¤¦ सरल लग सकता है, लेकिन इसके पीछे à¤à¤• इतिहास है, जो नरà¥à¤¤à¤² में शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ नृतà¥à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर अधिक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डालता है।कथक का यह मूल वैदिक काल की टूटी हà¥à¤ˆ धारà¥à¤®à¤¿à¤• परंपराओं में था, और फिर à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सामंती इतिहास के उतार-चढ़ाव में डूब गया, जब तक कि à¤à¤¾à¤µà¥à¤• गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को महान मà¥à¤—ल समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ अकबर ने सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं किया। इसने कथक को धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ किया, जबकि इसà¥à¤šà¤®à¥€ पोशाक और कोरियोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ की कृपा से समृदà¥à¤§ किया गया।कवि राजा, वजीद अली शाह,
इसे बचाया और इसे पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ लखनऊ गढ़ना में पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर दिया, जो वंश के इस कला के रूप में सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š सà¥à¤¤à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करते हैं।
जैसा कि सिनेमा में परिवरà¥à¤¤à¤¨ होता है, वैसे ही यह नृतà¥à¤¯ नृतà¥à¤¯à¤•à¤²à¤¾ का à¤à¥€ होता है, जो कि दरà¥à¤¶à¤• के दिमाग में सामाजिक-आरà¥à¤¥à¤¿à¤• बदलावों को à¤à¥à¤•à¤¾à¤¤à¤¾ है। जैसा कि पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ में à¤à¥‹à¤‚कने लगे, पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ नृतà¥à¤¯ के कà¥à¤› ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ ने बॉलीवà¥à¤¡ नृतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में अपना रासà¥à¤¤à¤¾ खोज लिया, जो कि कथक आधारित आधार से à¤à¤• बदलाव को दूर करता है, जो पहले à¤à¤• अधिक पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ अनà¥à¤à¤µ की ओर था।जहां पेशेवर कथकदांसरों को नाच के रूप में सटीकता सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करने के लिठनायक की à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठकाम पर रखा जाता था, अब सितारों की ओर से बदलाव देखा गया था।
कथक, जो राधा-कृषà¥à¤£ कहानियों या शिव कहानियों की अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के रूप में शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤†, बदलते समय और संरकà¥à¤·à¤£ को बदलने के साथ-साथ चल रहा है। इसी तरह, बॉलीवà¥à¤¡ डांस à¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ नृतà¥à¤¯ में अपनी जड़ों से विकसित हà¥à¤ˆ है। हालांकि, दोनों अà¤à¥€ à¤à¥€ हैं, उनके मूल में, कहानी के माधà¥à¤¯à¤® से माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ की कहानियां, और वे इस तरह के बदलावों को बताते हैं कि वे अपनी कहानियों और उनसे जà¥à¤¡à¤¼à¤¤à¥‡ हैं जिससे मैं आगे की जांच करना चाहता हूं। |
à¤à¥‚दादितà¥à¤¯ चटà¥à¤Ÿà¥‹à¤ªà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ |
सोनि सिनेमा |
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सिनेमा विशिषà¥à¤Ÿ धà¥à¤µà¤¨à¤¿ अनà¥à¤à¤µ पैदा करने के लिठकà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ है, जो “गीत और नृतà¥à¤¯” अनà¥à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ के अदà¥à¤à¥à¤¤ उपयोग के आधार पर आधारित हैं, जिसमें सावधान रणनीति को शामिल किया जाता है, जिसमें वरà¥à¤£à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रणनीति (राजधिकà¥à¤·à¤¾ 2007, गोपालन 2002) में आम तौर पर अनदेखी की जाती है। वासà¥à¤¤à¤µ में लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के कई उदाहरण हैं, जो खाड़ी में सावधानीपूरà¥à¤µà¤• धà¥à¤µà¤¨à¤¿ डिजाइन रखे हैं, जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° à¤à¤• दूरसà¥à¤¥ और कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• सिनेमाई परिदृशà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने के लिठज़ोर-ज़ोर और उचà¥à¤š-पिचौली सेटिंग बनाते हैं। बड़े पैमाने पर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सिनेमा के बारे में इस लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ की चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ देने के लिà¤, इस परियोजना में मैं यह देखना चाहता हूं कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सिनेमा के इस सामानà¥à¤¯ धारणा गलत हो सकती है अगर हम à¤à¤• अनिवारà¥à¤¯ कलाकार के निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ के विरोध में धà¥à¤µà¤¨à¤¿ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• टà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤¸à¤¿à¤•à¥à¤•à¥‡ पर विचार कर सकते हैं।डिजिटल पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी के आगमन से वासà¥à¤¤à¤µ में डिजिटल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में बनाई जाने वाली à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ नसà¥à¤²à¥‹à¤‚ में धà¥à¤µà¤¨à¤¿à¤¸à¤‚गठन की उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ योजना में कई पà¥à¤°à¤®à¥à¤– धà¥à¤µà¤¨à¤¿ घटकों के समृदà¥à¤§ होना शामिल करना संà¤à¤µ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के à¤à¤• नà¤-नठरिशà¥à¤¤à¥‡ हैं जो पॉपà¥à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥€à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤® à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सिनेमा से दूर तरीके से दूरी दूर करते हैं, जो कि पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ बटेशैपिसà¥à¤Ÿ गाना और नृतà¥à¤¯ उतà¥à¤¸à¤µ के विशिषà¥à¤Ÿ कथाओं के लिठजाना जाता है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की यह नई नसà¥à¤² समकालीन à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¤¨à¤¿à¤®à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤µ ततà¥à¤•à¤¾à¤² वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ (चटà¥à¤Ÿà¥‹à¤ªà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ 2016) को कैपà¥à¤šà¤° करती है। मेरी पिछलीसेंचर (2013, 2014, 2015, 2016) में मैंने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सिनेमा के à¤à¥€à¤¤à¤° à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– बदलाव का संकेत दिया है, जो कि à¤à¤• नठपà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ चिहà¥à¤¨à¤¿à¤¤ है, दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ को फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के à¤à¥€à¤¤à¤° यथासंà¤à¤µ वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• और विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ वेबसाइटों की जरूरत महसूस हो रही है अजीब बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚ड के रूप में आशा जौहर माघे (शà¥à¤°à¤®à¤¿à¤• शà¥à¤°à¤®, आदितà¥à¤¯à¤µà¤¿à¤•à¥à¤°à¤¾à¤® सेंगà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ 2014), कोरà¥à¤Ÿ (चैतनà¥à¤¯ तमà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 2014), मसायन (फà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤° à¤à¤µà¥‡à¤¸à¥‹à¤²à¥‹, नीरज गà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¾à¤¨ 2015), और किला (द फोरà¥à¤Ÿ, अविनाश अरà¥à¤£ 2015) जैसी हालिया फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ में उन पर संगीत या वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• रूप से à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ नहीं है इसके साथ, इसके बजाय à¤à¤• कम मातà¥à¤°à¤¾ की वारà¥à¤¤à¤¾ (या नोडियालॉग, जैसे आशा जौहर माहि जैसी फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के साथ) का उपयोग करें। ये फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ रोजमरà¥à¤°à¤¾ की जिंदगी में à¤à¤• नठसिरे से पेश आती है जो समसामयिक à¤à¤¾à¤°à¤¤ में समृदà¥à¤§ अनà¥à¤à¤µ के रूप में जाना जाता है और इसके उà¤à¤°à¤¤à¥‡ शहरी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ और शहरीकरण गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ-साथ सामानà¥à¤¯ साइटों को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥€ है। इस कथा की रणनीति के कारण, साइटà¥à¤¸à¤¸à¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥€ में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ वरà¥à¤£ बन जाते हैं। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ परियोजना “सोनाटेड सिनेमा” में, मैं इस à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• टà¥à¤°à¥‰à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¤°à¥€ के संपूरà¥à¤£ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ का आयोजन करेगा। धà¥à¤µà¤¨à¤¿ के रचनातà¥à¤®à¤• उपयोग पर à¤à¤• विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ से संदरà¥à¤ में जांच, विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ और अवलोकन करने में मदद मिलेगी।à¤à¤¸à¤†à¤°à¤à¤«à¤Ÿà¥€à¤†à¤ˆ फिलà¥à¤® संगà¥à¤°à¤¹ और पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¤¾à¤²à¤¯ में अà¤à¤¿à¤²à¥‡à¤–ीय अनà¥à¤¸à¤‚धान को शामिल करने वाली परियोजना में à¤à¤• अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸-आधारित परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯, साथ ही साथ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ की साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° में शोध को अरà¥à¤¹à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठवà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• सबूत उपलबà¥à¤§ कराà¤à¤—ा। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सिनेमा में धà¥à¤µà¤¨à¤¿ अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ की वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• समठमें पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¤¸à¥‡à¤²à¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग में विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ शोध के महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ निकाय का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ होगा। |
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